राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के पूर्व प्रचारक, ‘हिंदू एकजूट’ नामक संगठन का कार्य सम्पूर्ण महाराष्ट्र में विस्तारित करनेवाले स्वामी दुर्गानंदगिरी (दुर्गानंद नाडकर्णी) जी का कल रात लातूर (महाराष्ट्र) में देवलोकगमन हो गया. पृथ्वीलोक पर आध्यात्मिक यात्रा का समापन कर उनकी आत्मा-परमात्मा में विलीन हो गई.
लगभग 35 वर्ष संघ प्रचारक के रूप में उन्होंने अपना महत्वपूर्ण योगदान दिया. पूर्वी संघ रचना के अनुसार उस समय रत्नागिरी विभाग के अंतर्गत सिंधुदुर्ग, गोवा आदि क्षेत्र में उन्होंने अपनी सेवाएं दी. इस दौरान उन्होंने हजारों युवाओं को संघ विचारों से जोड़ा, जो आगे चलकर आजीवन संघ के स्वयंसेवक बन गए.
आपातकाल के दौर में उन्होंने भूमिगत होकर संघकार्य को आगे बढ़ाया और राष्ट्र जागरण में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई.
90 के दशक में राम जन्मभूमि आंदोलन में उन्होंने बढ़-चढ़कर हिस्सा लिया. रामकाज करने के बाद उन्होंने आध्यात्म की ओर रुख किया और लगभग ३० वर्षों तक आध्यात्मिक साधना-तपस्या करने के बाद उन्होंने एक दिव्य ऊँचाई प्राप्त की. उनकी वाणी अमोघ थी, वे प्रखर वक्ता के नाते जाने जाते थे. युवाओं पर उनका ख़ासा प्रभाव था. विषय रखने में वे पारंगत थे, जैसे एक शिक्षक अपने छात्रों को शिक्षित करते हैं, उसी प्रकार सभी को समझ में आए, ऐसे वक्तृत्व शैली में वे लोगों का मार्गदर्शन किया करते थे.
हिंदी विवेक परिवार की ओर से उन्हें भावपूर्ण श्रद्धांजली.
मेरे जैसे कार्यकर्ताओं को संघ की सीख देनेवाले और मार्गदर्शन करनेवाले हमारे प्रेरणास्त्रोत, जिन्होंने 35 वर्ष संघ प्रचारक के तौर पर स्वयं को समर्पित किया, ऐसे पूज्य दुर्गानंदगिरी स्वामी जी को भावपूर्ण श्रद्धांजलि. उनकी आत्मा को शांति व सद्गति मिले, यही ईश्वर चरणों में प्रार्थना है. आपके विचार और मार्गदर्शन सदैव स्मरण रहेंगे.
– श्रीपद नाईक, केंद्रीय मंत्री, भाजपा
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मेरे जैसे कार्यकर्ताओं को संघ की सीख देनेवाले और मार्गदर्शन करनेवाले हमारे प्रेरणास्त्रोत, जिन्होंने 35 वर्ष संघ प्रचारक के तौर पर स्वयं को समर्पित किया, ऐसे पूज्य दुर्गानंदगिरी स्वामी जी को भावपूर्ण श्रद्धांजलि. उनकी आत्मा को शांति व सद्गति मिले, यही ईश्वर चरणों में प्रार्थना है. आपके विचार और मार्गदर्शन सदैव स्मरण रहेंगे.
भावपूर्ण श्रद्धांजली अर्पण…