हिंदी विवेक
  • Login
  • परिचय
  • संपादकीय
  • पूर्वांक
  • ग्रंथ
  • पुस्तक
  • संघ
  • देश-विदेश
  • पर्यावरण
  • संपर्क
  • पंजीकरण
No Result
View All Result
  • परिचय
  • संपादकीय
  • पूर्वांक
  • ग्रंथ
  • पुस्तक
  • संघ
  • देश-विदेश
  • पर्यावरण
  • संपर्क
  • पंजीकरण
No Result
View All Result
हिंदी विवेक
No Result
View All Result

पर्यटन आधारित अर्थव्यवस्था का लक्ष्य

by दिवाकर अवस्थी
in गौरवान्वित उत्तर प्रदेश विशेषांक - सितम्बर २०१७, साक्षात्कार
0

जिस प्रकार विश्व के कई देश पर्यटन आधारित अर्थव्यवस्था पर निर्भर है तथा विकसित देशों की श्रेणी में आते हैं उसी प्रकार उत्तर प्रदेश में पर्यटन को विश्व स्तर का बना कर तथा युवाओं को उससे जोड़ कर राज्य में पर्यटन आधारित अर्थव्यवस्था का सृजन किया जा रहा है। प्रस्तुत है उ.प्र. की पर्यटन मंत्री श्रीमती रीता बहुगुणा जोशी से विशेष बातचीत के महत्वपूर्ण अंश

उ.प्र. की जनता ने जो सत्ता परिवर्तन किया है, रीता जी आप उसको किस नजरिये से देखती हैं?

उ.प्र. की जनता ने जो अपार बहुमत भारतीय जनता पार्टी को दिया है, उससे स्पष्ट है कि प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी जी के नेतृत्व में उनका अटूट विश्वास है। जनता एक स्वच्छ, पारदर्शी, उन्नतिशील एवं जन कल्याणकारी सरकार चाहती है। विगत् दिनों में उ.प्र. में क्षेत्रीय पार्टियों ने प्रदेश की अर्थव्यवस्था एवं कानून व्यवस्था को जिस प्रकार नष्ट किया था, वह किसी से छिपा नहीं है। जनता को विश्वास है कि इस दुर्दशा को समाप्त करके भारतीय जनता पार्टी एक विकासशील एवं उन्नतिशील उ.प्र. का निर्माण करेगी। जनता का यह विश्वास ही भारतीय जनता पार्टी के सत्ता में आने का मुख्य कारण है।

उ.प्र. को उत्तम प्रदेश बनने के लिए सरकार का रोड मैप क्या है?

भाजपा एक भ्रष्टाचार-मुक्त एवं पारदर्शी सरकार उ.प्र. को देने के लिए दृढ़ संकल्पित है। पिछले ५ माहों में हमारी सरकार ने कई महत्वपूर्ण निर्णय लिए हैं जैसे किसानों की ३६,००० करोड़ की ॠण माफी, उत्तर प्रदेश की ८५,००० किमी सड़क को गढ्ढामुक्त करना, प्रदेश में विद्युत उत्पादन में महत्वपूर्ण बढ़ोत्तरी। प्रत्येक विभाग द्वारा जनपरक निर्णय लिए गए व कई महत्वपूर्ण जनहित कार्यक्रम भी प्रारंभ किए गए। पं. दीनदयाल उपाध्याय द्वारा दिए गए सूत्रवाक्य लक्ष्य अंत्योदय, प्रण अंत्योदय, पथ अंत्योदय को आधार बना कर समाज के अंतिम व्यक्ति को विकास से जोड़ऩे का कार्य मा. प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी ने शुरू किया है जिसे पूरा करने में प्रदेश के मुख्यमंत्री श्री योगी आदित्यनाथ जी अग्रसर हैं।

अभी तक पर्यटन के क्षेत्र मे उ.प्र. के अविकसित रहने का कारण क्या है?

पिछली सरकारों द्वारा पर्यटन जैसे अपार संभावनाओं वाले पर्यटन सेक्टर को अपेक्षित महत्व नहीं दिया गया और राष्ट्रीय एवं अंतरराष्ट्रीय पर्यटन नक्शे पर प्रदेश के महत्वपूर्ण पर्यटन स्थलों के समेकित विकास एवं ब्र्रैन्डिंग आदि का कार्य गंभीरतापूर्वक नहीं किया गया।

उ.प्र. के पर्यटन के सम्बंध में सरकार की क्या नीतियां हैं?

हमारी सरकार द्वारा प्रदेश के पर्यटन विकास हेतु प्राथमिकताएं निर्धारित कर दी गई हैं। हमारे संकल्प-पत्र में प्रदेश के प्रमुख पर्यटन स्थलों का उल्लेख किया गया है, जिसमें वाराणसी, अयोध्या, मथुरा-वृदावन, नैमिषारण्य, चित्रकूट, इलाहाबाद, गोरखपुर एवं कुशीनगर आदि हैं। इन पर्यटन स्थलों में मूलभूत पर्यटक अवस्थापना सुविधाएं सृजित करने हेतु वृहद् योजनाएं तैयार कर क्रियान्वित की जा रही हैं। इसके अतिरिक्त भारत सरकार के रामायण सर्किट, कृष्ण सर्किट, बौद्ध सर्किट, स्पिरीचुअल सर्किट, हेरिटेज सर्किट तथा प्रासाद योजना के तहत प्रदेश के समग्र पर्यटन विकास की कार्यवाही की जा रही है। प्रदेश के पर्यटन स्थलों का व्यापक प्रचार-प्रसार कर पर्यटकों को आकर्षित किया जा रहा है, जिससे पर्यटकों की संख्या तथा ठहराव में वृद्धि हो तथा स्थानीय स्तर पर रोजगार में वृद्धि हो सके। वाराणसी में अंतरराष्ट्रीय लिट्रेरी फेस्टिवल, लखनऊ, अयोध्या, चित्रकूट में रामायण कान्क्लेव का आयोजन कर सांस्कृतिक विरासत से लोगों को रूबरू कराने की योजना है। भारत के अन्य प्रदेशों की पर्यटन नीतियों का तुलनात्मक अध्ययन करके प्रदेश के लिए एक नई पर्यटन नीति बनाए जाने की कार्यवाही की जा रही है।

गोवा, गुजरात आदि राज्यो की तरह सैलानियो को आकर्षित करने की दृष्टि से उ.प्र. में सरकार की क्या योजना है?

सैलानियों को आकर्षित करने हेतु व्यापक स्तर पर प्रदेश की ब्रैन्डिंग एवं प्रचार-प्रसार, मूलभूत पर्यटक सुविधाओं का विकास, विभिन्न इवेन्ट्स का आयोजन आदि का कार्य किया जा रहा है। गोरखपुर के रामगढ़ ताल में वाटर स्पोट्र्स तथा मिर्जापुर एवं चित्रकूट में रोप-वे की सेवाएं प्रारंभ हो जाएंगी। पर्यटकों के लिए वन स्टॉप ट्रेवेल पोर्टल सोल्यूशन विकसित किया जा रहा है, जिसके माध्यम से प्रदेश में आने वाले पर्यटकों को रेल, कार, बस, टैक्सी, होटल तथा गाईड इत्यादि की सुविधा एक ही पोर्टल के माध्यम से प्राप्त हो सकेगी।

अध्यात्मिक पर्यटन के अलावा सांस्कृतिक, प्राकृतिक, भौगोलिक पर्यटन हेतु कौन-कौन से स्थल उ.प्र. में हैं?

वाराणसी विश्व की प्राचीनतम नगरी होने के साथ ही साथ भारत की सांस्कृृतिक राजधानी के रूप में भी विख्यात है। सांस्कृतिक नगरियों के रूप में अयोध्या, मथुरा-वृंदावन, चित्रकूट, बुंदेलखण्ड तथा प्राकृतिक एवं भौगोलिक पर्यटन स्थलों के रूप में दुधवा नेशनल पार्क, करतनिया घाट, नवाबगंज तथा अन्य पक्षी विहार एवं अभयारण्य हैं।

पर्यटन के माध्यम से व्यवसाय तथा रोजगार निर्माण के लिए सरकार क्या प्रयास कर रही है?

प्रदेश में पर्यटन को बढ़ावा दिए जाने से पर्यटन उद्योग के क्षेत्र में प्रत्यक्ष एवं अप्रत्यक्ष रोजगार अवसरों का सृजन हो रहा है और युवाओें की काफी बड़ी संख्या इससे लाभान्वित हो रही है। पर्यटन के माध्यम से रोजगार सृजन हेतु प्रदेश सरकार द्वारा विश्व बैंक के सहयोग से प्रो-पुअर पर्यटन विकास परियोजना का क्रियान्वयन किया जा रहा है। इसके तहत आगरा एवं ब्रज क्षेत्र के अंतर्गत पर्यटन विकास के माध्यम से रोजगार सृजन कर गरीबी उन्मूलन किए जाने की योजना है।

पर्यटन व्यवसाय प्रदेश के युवाओें के लिए किस प्रकार सहायक हो सकता है?

पर्यटन के क्षेत्र में असीम संभावनाएं हैं। जिस प्रकार विश्व के कई देश पर्यटन आधारित अर्थव्यवस्था पर निर्भर है तथा विकसित देशों की श्रेणी में आते हैं उसी प्रकार प्रदेश में पर्यटन को विश्व स्तर का बना कर तथा युवाओं को उससे जोड़ कर पर्यटन आधारित अर्थव्यवस्था का सृजन किया जा रहा है।

उ.प्र. के विकास में पर्यटन उद्योग किस प्रकार सहायक हो सकता है?

उ.प्र. सांस्कृतिक, अध्यात्मिक, ऐतिहासिक एवं वन्य जीव के क्षेत्र में अत्यंत सम्पन्न है। अत: यदि इनका सम्यक् रूप से प्रचार-प्रसार किया जाए तथा पर्यटन को उद्योग के रूप में विकसित किया जाए तो निश्चित ही प्रदेश के विकास में पर्यटन अत्यंत सहायक होगा।

कुटीर और लघु उद्योगों के स्थानों को पर्यटन से किस प्रकार जोड़ा जा सकता है?

कुटीर एवं लघु उद्योगों को पर्यटन से जोड़ने हेतु विभिन्न प्रकार के मेले-महोत्सवों का आयोजन किया जाता है, जिसमं स्थानीय कला एवं हस्तशिल्प से जुड़े हुए शिल्पियों को आमंत्रित किया जाता है।

केन्द्रीय पर्यटन मंत्रालय और राज्य पर्यटन मंत्रालय के बीच कैसा समन्वय है?

विदित हो कि केन्द्र में तथा उ.प्र. में भारतीय जनता पार्टी की ही सरकार है और दोनों सरकारें एक ही पार्टी की होने के नाते दोनों के मध्य अच्छा सम्बंध एवं समन्वय होना स्वाभाविक है। केन्द्रीय पर्यटन मंत्रालय द्वारा प्रासाद एवं स्वदेश दर्शन स्कीम के अंतर्गत प्रदेश के लिए लगभग रू. ३७० करोड़ की योजनाएं स्वीकृृत की गई हैं तथा कई योजनाएं मंजूरी की प्रक्रिया में हैं, जिन्हें शीघ्र केन्द्रीय पर्यटन मंत्रालय द्वारा स्वीकृृत कर दिया जाएगा।

उ.प्र. के नदियो को पर्यटन का आधार कैसे बनाया जा सकता है?

विश्व की सर्वाधिक पवित्र नदियां- गंगा, यमुना, सरयू, गोमती आदि उ.प्र. में हैं। साथ ही इनके किनारे बसे शहर विश्व की सर्वाधिक पुरातन संस्कृृति के संवाहक हैं। अत: प्रमुख सांस्कृृतिक नगरियों मेंं इन नदियों के किनारे घाटों का विकास किया जा रहा है, जिसे इन घाटों पर प्रति वर्ष लगने वाले पारम्परिक मेले/महोत्सवों को आकर्षक बनाया जा सके। वर्ष-२०१९ में तीर्थराज-प्रयागराज में गंगा-यमुना के संगम पर आयोजित होने वाले अर्द्धकुंभ हेतु प्रदेश सरकार द्वारा विशेष तैयारियां की जा रही हैं। वाराणसी मे अस्सी घाट से राजघाट तक गंगा नदी में सैलानियों के लिए क्रूज बोट की व्यवस्था भी की जा रही है।
प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी जी उत्तर प्रदेश में पर्यटन को अत्यधिक महत्व दे रहे हैं तथा वे गरीबी उन्मूलन का इसे एक महत्वपूर्ण माध्यम मानते हैं, इसलिए श्री योगी आदित्यनाथ जी, मुख्यमंत्री, उत्तर प्रदेश सरकार पर्यटन के क्षेत्र में विकास को गंभीरता से लेते हुए निरंतर कार्यरत है।

Share this:

  • Twitter
  • Facebook
  • LinkedIn
  • Telegram
  • WhatsApp

दिवाकर अवस्थी

Next Post

हिंदी के विकास में गैर हिंदी भाषियों का योगदान

Leave a Reply Cancel reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

हिंदी विवेक पंजीयन : यहां आप हिंदी विवेक पत्रिका का पंजीयन शुल्क ऑनलाइन अदा कर सकते हैं..

Facebook Youtube Instagram

समाचार

  • मुख्य खबरे
  • मुख्य खबरे
  • राष्ट्रीय
  • राष्ट्रीय
  • क्राइम
  • क्राइम

लोकसभा चुनाव

  • मुख्य खबरे
  • मुख्य खबरे
  • राष्ट्रीय
  • राष्ट्रीय
  • क्राइम
  • क्राइम

लाइफ स्टाइल

  • मुख्य खबरे
  • मुख्य खबरे
  • राष्ट्रीय
  • राष्ट्रीय
  • क्राइम
  • क्राइम

ज्योतिष

  • मुख्य खबरे
  • मुख्य खबरे
  • राष्ट्रीय
  • राष्ट्रीय
  • क्राइम
  • क्राइम

Copyright 2024, hindivivek.com

Facebook X-twitter Instagram Youtube Whatsapp
  • परिचय
  • संपादकीय
  • पूर्वाक
  • देश-विदेश
  • पर्यावरण
  • संपर्क
  • पंजीकरण
  • Privacy Policy
  • Terms and Conditions
  • Disclaimer
  • Shipping Policy
  • Refund and Cancellation Policy

copyright @ hindivivek.org by Hindustan Prakashan Sanstha

Welcome Back!

Login to your account below

Forgotten Password?

Retrieve your password

Please enter your username or email address to reset your password.

Log In

Add New Playlist

- Select Visibility -

    No Result
    View All Result
    • परिचय
    • संपादकीय
    • पूर्वांक
    • ग्रंथ
    • पुस्तक
    • संघ
    • देश-विदेश
    • पर्यावरण
    • संपर्क
    • पंजीकरण

    © 2024, Vivek Samuh - All Rights Reserved

    0