बी स्कूल : समय की आवश्यकता
स्वतंत्रता के बाद जब देश में उच्च शिक्षा की नींव पड रही थी तब विज्ञान, तमनीकी चिकित्सा के बाद कामर्स विषय को भी उच्च शिक्षा की एक महत्वपूर्ण शाखा के रुप में पहचान प्रदान की गयी। कामर्स शिक्षा के लिये प्रावधान करने के पीछे उद्देश्य यह था कि उद्योंग धंधो व व्यापार की समझ तथा शोध देश के तीव्र विकास को बल देगा। स्वतंत्रता के बाद के दो दशकों में हुए वैज्ञानिक व तकनीकी विकास की तीव्र गति की जटीलता को पेशेवा टच देने की आनिवार्यता सर्वप्रथम देश के लब्ध प्रतिष्ठा वैज्ञानिक डॉ. विक्रम साराभाई ने समझा।