विदेशों में भगवान बुद्ध के मंदिर में रामजी की विविध लीलाओं का बेहद सुंदर चित्रण देखकर मुझे प्रेरणा मिली कि हमारे देश में भी ऐसा ही होना चाहिए और इसके लिए हमें कुछ करना चाहिए। राम के प्रति जो लोगों की आस्था है, विश्वास है, राम का जो चरित्र है, गाथा है, वह हमारे अन्दर पहुंचे और उसके अनुरूप हम सभी का जीवन हो सके। इसी प्रेरणा ने मुझे उद्वेलित किया और मेरे मन में अंतर्राष्ट्रीय रामायण सम्मेलन करने का विचार आया।
कुंभ की चाकचौबंद व्यवस्था
इस माह प्रयागराज में महाकुंभ शुरू हो रहा है। विश्व के इस विराट मेले के लिए उ.प्र. सरकार ने चाकचौबंद व्यवस्था की है। यातायात से लेकर बिजली-पानी, शिविरों, स्नान-घाटों की बेहतर व्यवस्था है। वसुधैव कुटुंबकम् का भान रखने वाला भारत ही सच्चे अर्थों में बिना राग-द्वेष के पुरी दुनिया का…
आधुनिक फैशन फूहड़ता का फ्यूजन
आप फैशन के नाम पर कटे-फटे और अंग प्रदर्शित करने वाले कपड़े पहन कर सभ्य बन रहे हैं या फिर अपनी फूहड़ता का परिचय दे रहे हैं? आपकी पहचान फूहड़ता है या आपकी पहचान भारतीयता है, या फिर अंधानुकरण करने वाले नकलची की? कहीं आप फैशन और फूहड़ता में घालमेल तो नहीं कर रहे हैं?