अनेक भाषाएं, सुरसमन्वय और जिंगल्स

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‘मिले सुर मेरा तुम्हारा ... ’’ के बाद हमने ‘‘बने सरगम हर तरफ से गूंजे बनकर। ’’ जिंगल बनाया। ‘‘मिले सुर .. ’’ पांच -छह सेकंड का था, लेकिन ‘‘बने सरगम ... ’’ १५ -२० सेकंड का। रामनारायण जी, हरिप्रसाद चौरसिया, अमजद अली खान, पंडित रविशंकर जी, पंडित भीमसेन जोशी, पंडित शिवकुमार शर्मा, जाकिर हुसैन जैसे बड़े -बड़े कलाकारों के साथ शास्त्रीय नृत्य के कलाकार भी थे। पर जो बात ‘‘मिले सुर ... ’’ में थी वह बात इसमें नहीं आ पाई।

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