पूर्वांचल की मातृ सत्ता

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वर्तमान पुरुष सत्ता के परिवेश में हम किसी ऐसे समाज की कल्पना नहीं कर सकते जहां परिवार एवं समाज का संचालन पूरी तरह से महिलाओं पर आश्रित हो परंतु भारत का पूर्वोत्तर भाग मातृ सत्ता के रूप में अभी तक अपनी पुरानी पहचान को बचाए रखने में सफल रहा है।…

पूर्वोत्तर की मातृ सत्ता

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 मेघालय के खासी परिवारों में से वर, दूल्हा विवाह होने पर अपनी मां का घर छो़ड, अपने माता-पिता, भाई-बहनों को छो़ड ससुराल में, याने पत्नी के मायके में निवास करने जाता है। पत्नी के माता-पिता हों, तो सास इस परिवार की प्रधान होती है।

मातृ दिवस भव

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दिनांक 8 मार्च 2014 को विश्व महिला दिवस संंपन्न हुआ। हम सभी उससे आनंदित हैं; फिर मां की महिमा क्या उस एक दिन तक ही सीमित होती है? बालक का व्यक्तित्व ग़ढने में माता का हिस्सा कितना होता है? उसमें उसका अपना अधिकार कितना होता है?

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