पारसमणि सा स्पर्श हैं वीरेन्द्र याज्ञिक
साधारण सा सफेद कुरता पायजामा, भाल पर लाल टीका और व्यक्तित्व में चुंबक सा आकर्षण यह परिचय है श्री वीरेन्द्र याज्ञिक का, जिनके बगैर मुंबई का हर धार्मिक आयोजन अधूरा सा लगता है। उनके सानिध्य में आने वाला हर व्यक्ति स्वयं को पारस के स्पर्श का अनुभव करने लगता है।