आजादी के ७० साल और खेती
देश इस समय अधिक कृषि उत्पादन और किसानों की बदतर होती जा रही माली हालत से जूझ रहा है। उत्तर प्रदेश में भी इससे जुदा हालत नहीं है। जाहिर है कि निर्धारित मूल्यों पर निजी या सरकारी किसी भी क्षेत्र में किसानों की जिंसों के विक्रय के लिए ईमानदार ढांचे