खादी : वस्त्र और विचार
मनुष्य की जरूरत पूरी करने में खादी सक्षम है। आवश्यकता से अधिक अर्जन करने से आदमी की प्रकृति और प्रवृत्ति बदल जाती है। धीरे-धीरे शोषक बनने की श्रेणी में आ जाता है। जबकि चरखे में तो ईश्वर का वास है। यह गरीब से गरीब आदमी की क्षुधा तृप्त कर सकता है। उसको सम्मान दिला सकता है।