मातृत्व by दिशा पेडणेकर 0 फूल-सा नाजूक, जल-सा पवित्र, चांदनी-सा निर्माल होता है, शिशु का नाजुक स्पर्श और उससे भी कहीं पवित्र, महान और अनमोल...