महावीर और गौतम की धरती
जैन धर्म भारत के प्रमुख धर्मों में से एक है, जो श्रमण परम्परा का वाहक है। इसकी जड़ प्रागैतिहासिक युग तक चली गयी है। वस्तुत: जैन संस्कृति वैदिक संस्कृति से निकलकर एक स्वतंत्र धारा के रूप में पल्लवित-पुष्पित हुई। इसमें वैदिक प्रवृत्तिमूलक परम्परा के साथ निवृत्तिमूलक अवधारणा को जोड़कर जिस समन्वित संस्कृति को आकार मिला वही श्रमण संस्कृति है।