अभिनव गुप्त का साहित्य को योगदान

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जि न आचार्यों ने विभिन्न ग्रंथ-रत्नों का प्रणयन कर न केवल      संस्कृत-वाङ्मय अपितु समस्त भारतीय वाङ्मय का श्रीवर्धन किया, उन लब्ध-प्रतिष्ठ आचार्यों में आचार्य अभिनव गुप्तपाद मूर्धन्य हैं| इ

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