पूर्वांचल राज्य की स्थापना का औचित्य

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   देश के स्वतंत्र होने के पूर्व से ही उत्तर प्रदेश के पूर्वी क्षेत्र व बिहार के पश्चिमी सात जिलों के साथ नाइंसाफी होती रही है। वैसे तो यह इलाका पूरी तरह से कृषि के मामले में आत्मनिर्भर रहा है तथा उसी तरह स्वाभिमानी भी रहा है जिसके चलते देश के तत्कालीन प्रशासक की तानाशाही को इस क्षेत्र के लोगों ने कभी स्वीकार नहीं किया जिसका नतीजा रहा कि हमेशा इस क्षेत्र में सरकार और यहां के लोगों में संघर्ष होता रहा जिसके कारण इस क्षेत्र में विकास को स्थान नहीं मिला।

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