ग्राम विकास वर्तमान एवं दिशाबोध
प्रचलित विकास से बनी परिस्थिति से आज देश अशांति की ओर बढ़ रहा है| भारतीय विकास चिंतन के प्रकाश में अपने पुरुषार्थ के आधार पर हमें पुनः भारत का गत वैभव प्राप्त करना है| भारत को स्वतंत्र गांवों का स्वतंत्र देश बनाना है|
प्रचलित विकास से बनी परिस्थिति से आज देश अशांति की ओर बढ़ रहा है| भारतीय विकास चिंतन के प्रकाश में अपने पुरुषार्थ के आधार पर हमें पुनः भारत का गत वैभव प्राप्त करना है| भारत को स्वतंत्र गांवों का स्वतंत्र देश बनाना है|