आदि काल से रानियों-महारानियों तक
फैशन हर समय रहा है, कोई भी काल रहा हो, कोई भी युग रहा हो, उस समय के अनुसार फैशन हुआ करता था। सजने और संवरने की इच्छा मानव सभ्यता का अभिन्न अंग रही है। सदियों से, स्त्री हो या पुरुष, सब स्वयं को सुंदर दिखाना चाहते हैं, यही लालसा फैशन की जन्मदाता रही है।