गृहस्थी
आज तनुज की बेरुखी हार गई थी और घरवालों का प्यार जीत गया था... आखिर जैसा भी है लेकिन मेरे बच्चों का पिता है वो, और गृहस्थी में तो छोटे-मोटे झगड़े चलते ही रहते हैं। इसका मतलब ये तो नहीं न कि हम रिश्तों से पलायन ही कर जाए..
आज तनुज की बेरुखी हार गई थी और घरवालों का प्यार जीत गया था... आखिर जैसा भी है लेकिन मेरे बच्चों का पिता है वो, और गृहस्थी में तो छोटे-मोटे झगड़े चलते ही रहते हैं। इसका मतलब ये तो नहीं न कि हम रिश्तों से पलायन ही कर जाए..