केदारखण्ड (गढ़वाल) की सांस्कृतिक एवं ऐतिहासिक पृष्ठभूमि
महाराजा प्रद्युम्नशाह के उत्तराधिकारी युवराज सुदर्शन शाह ने अपने खोये हुए राज्य को प्राप्त करने के लिये ईस्ट इण्डिया कम्पनी से सहायता मांगी। अंग्रेजों ने गढ़वाल राज्य के बदले पांच लाख रूपये राजा से मांगे लेकिन राजा के पास इतना धन न होने से आधा गढ़वाल अंग्रेजों को युद्ध के हर्जाने के रूप में देना पड़ा और आधे हिस्से पर सुदर्शन शाह का आधिपत्य हो गया।