कश्मीर से गुजरते हुए
कश्मीर का इतिहास, संस्कृति भारत से कभी जुदा नहीं थी। वहां के सारे राजा हिन्दू थे, अधिकांश प्रजा भी हिन्दू मूल की ही है। बाद के वर्षों में बाहरी आक्रमणों तथा सत्ता लोलुपता की राजनीति के कारण स्थितियां बदलीं और कश्मीर की शांत घाटी अशांत हो गई। अनुच्छेद 370 और धारा 35 ए के खात्मे के साथ वह अब फिर से अपनी जड़ों की ओर लौटने की कोशिश कर रहीं है।