मिथिला में मखान और पान
मैथिली साहित्य के इतिहासकार ने मैथिली के प्राक्काल को ८वीं से १२वीं शताब्दी माना है। मिथिला में ब्राह्मण राजाओं की प्रमुखता थी, जहां वैदिक और वैदांतिक मनीषियों को प्रश्रय प्राप्त था।
मैथिली साहित्य के इतिहासकार ने मैथिली के प्राक्काल को ८वीं से १२वीं शताब्दी माना है। मिथिला में ब्राह्मण राजाओं की प्रमुखता थी, जहां वैदिक और वैदांतिक मनीषियों को प्रश्रय प्राप्त था।