पूर्वांचल की जीवन-दृष्टि

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पूर्वांचल’ शब्द के उच्चारण मात्र से मन में एक पवित्र भाव भर जाता है। चारों दिशाओं में पूर्व सबसे पवित्र है। इसी दिशा में प्रकाश की पहली किरण फूटती है। यह इसलिए भी महनीय है कि यह अंधकार से ड़रता नहीं। अंधेरा देखकर यह हाय तौबा नहीं मचाता, बल्कि धीरज के साथ समय काट लेता है। वह जानता है कि अंधेरा सच नहीं है। सच है प्रकाश, जिसकी किरणें उसके आंचल में फूटेंगी, यह अटल सत्य है।

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