एक कहानी के नोट्स
;कदाचित प्यार, पेन की स्याही और दिए के तेल के समान होता है जो समय आने पर शनै: शनै: समाप्त हो जाता है। मनोहर अब तक इस बात से अनभिज्ञ था और जब उसे इस भूल का अहसास हुआ तो स्थिति नियंत्रण से बाहर हो गई थी।’’ वह मुझे आज रास्ते में
;कदाचित प्यार, पेन की स्याही और दिए के तेल के समान होता है जो समय आने पर शनै: शनै: समाप्त हो जाता है। मनोहर अब तक इस बात से अनभिज्ञ था और जब उसे इस भूल का अहसास हुआ तो स्थिति नियंत्रण से बाहर हो गई थी।’’ वह मुझे आज रास्ते में
वह मुझे आज रास्ते में मिला। उसे देख मुझे बड़ा हर्ष हुआ। मेरी आंखें कई दिनों से उसे देखने को उत्सुक थीं। उसकी जिन्दगी से मुझे, एक श्रेष्ठ कहनी के कथानक मिलने की पूर्ण सम्भावना थी। मैंने मन ही मन यह दृढ़ निश्चय कर लिया था कि मेर