एक गलती,खेल खतम…

Continue Readingएक गलती,खेल खतम…

****माधुरी ताम्हणे**** रात के साढ़े ग्यारह बजे थे। गाड़ी में माल भरकर विजापुरके ढाबे पर भोजन कर ट्रक की ओर बढ़ी, तब खटिया पर बैठे दो-तीन ड्रायवरों ने एक दूसरे को इशारे किए, जो मेरी नजरों से बच नहीं पाया। आईने में देखा तो वे अब भी मेरी तरफ देखते दिखाई दिए

End of content

No more pages to load