संवेदनशील मन
स्पष्ट बोलना वैसे बड़ा कठिन होता है परंतु ऐसे निर्णय लेने में पर्रिकर जी कभी पीछे नहीं रहते थे। जिस से गलती हुई है उसे उसकी गलती उसके सामने बताना इतनी स्पष्टता उनमें थी। इसके कारण अनेक लोग उनसे घबराते भी थे।
स्पष्ट बोलना वैसे बड़ा कठिन होता है परंतु ऐसे निर्णय लेने में पर्रिकर जी कभी पीछे नहीं रहते थे। जिस से गलती हुई है उसे उसकी गलती उसके सामने बताना इतनी स्पष्टता उनमें थी। इसके कारण अनेक लोग उनसे घबराते भी थे।