संवेदनशील मन

Continue Readingसंवेदनशील मन

स्पष्ट बोलना वैसे बड़ा कठिन होता है परंतु ऐसे निर्णय लेने में पर्रिकर जी कभी पीछे नहीं रहते थे। जिस से गलती हुई है उसे उसकी गलती उसके सामने बताना इतनी स्पष्टता उनमें थी। इसके कारण अनेक लोग उनसे घबराते भी थे।

End of content

No more pages to load