जनतंत्र के पहरेदार
देश के उज्ज्वल चरित्र पर गर्व करते हुए मैं बाहर आ गया और देश के विकास के प्रति आश्वस्त हो गया। इन वेद-शास्त्रों से भी जो आश्वस्त न हो, उसे क्या आप भारतीय कहेंगे?
देश के उज्ज्वल चरित्र पर गर्व करते हुए मैं बाहर आ गया और देश के विकास के प्रति आश्वस्त हो गया। इन वेद-शास्त्रों से भी जो आश्वस्त न हो, उसे क्या आप भारतीय कहेंगे?