संगीत क्षेत्र का दीपस्तंभ!

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स्वामी विवेकानंद के कथन के अनुसार ‘कला निरंतर सृजनशील ही होती है।’ मनुष्य का अन्य कलाओं की अपेक्षा संगीत कला के साथ नजदीक का रिश्ता है। संगीत दो प्रकार का होता है- कव्यसंगीत तथा वाद्यों पर बजाया जानेवाला संगीत। संगीत

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