सामाजिक समरसता और कबीर

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लगभग पांच सौ वर्ष पूर्व संत कबीर का आर्विभाव ऐसे समय में हुआ था जब सामाजिक मान-मर्यादाएं तिरोहित हो रही थीं और समाज के विभिन्न समुदायों में आपसी भाईचारे की भावना लुप्त हो चुकी थी।

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