तुझ पे दिल कुर्बान…

Continue Readingतुझ पे दिल कुर्बान…

कवि की इस ख्वाईश को समझकर भारत के सिनेमा दर्शकों ने बार-बार उसे आवाज दी है...गुलजार....गुलजार...! क्योंकि गत पचास वर्षों में ऐसे अनगिनत लम्हें आए, जो अपने साथ इस कवि के शब्दों की झंकार ले आए। खुशबू ले आए।

End of content

No more pages to load