ईश्वर का प्रथम रूप ‘मां’ by भारतेंन्द्र प्रताप 0 संत बिनोवा भावे ने अपनी जीवनी में एक स्थान पर लिखा है, “प्रत्येक जीवधारी के लिये उसकी मां ही प्रथम...