सिंधी एवं भोजपुरी कहावतों में नारी-चित्रण

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कहावतें मानव जीवन की चिर-संचित अनुभव-राशि तथा ज्ञान-गरिमा का सार समुच्चय होती हैं। कहावतें ‘गागर में सागर’ अथवा उससे भी अधिक ‘बिंदु में सिंधु’ होती हैं। भाषाएं इनमें बाधा नहीं डाल सकतीं- सिंधी हो या भोजपुरी या हो कोई अन्य भाषा- उनमें समान लक्ष्यार्थ वाली कई कहावतें मिलती हैं। नारी जीवन के पक्ष-विपक्ष में व्यक्त कहावतें भी इससे जुदा नहीं हैं।

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