शताब्दी का जश्न मनाएंगे मुठ्ठीभर कम्युनिस्ट?
छत्तीसगढ़ में केंद्रीय सुरक्षा बल के जवानों की निर्मम हत्या की हालिया घटना भी उन कम्युनिस्ट और वामपंथियों के तबाहकारी कारनामों का एक और उदाहरण है, जो देश की कीमत पर अराजकता को बढ़ावा देने में विश्वास रखते हैं। बहरहाल, घटते समर्थन को देखते हुए वो दिन दूर नहीं, जब कम्युनिस्ट और वामपंथी कुनबे की तरह नक्सलियों को भी उनकी असली जगह दिखा दी जाएगी।