भारत के संस्कृत संपन्न गांव

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“देश में ऐसे गांव हैं जहां बच्चे, बूढ़े, युवा और महिलाएं- सभी बहुत ही सहज रूप से संस्कृत में बात करते हैं। ग्राम के मुस्लिम परिवारों में भी संस्कृत उतनी ही सहजता से बोली जाती है जितनी हिन्दू घरों में। यहां तक कि क्रिकेट खेलते हुए और आपस में झगड़ते हुए भी बच्चे संस्कृत में ही बात करते हैं।”

पूर्वोत्तर में हिंदी

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विविधता में एकता भारतवर्ष की प्रमुख   विशेषता है। यह एकता धर्म, संस्कृति, राजनीति आदि में निहित है, तो विविधता इसकी बहुभाषिकता में परिलक्षित होती है। हमारे देश में लगभग १७१ भाषाएं एवं ५४४ बोलियां अस्तित्व में हैं। अनेकता में एकता के तार पिरोने के लिए हिंदी को राष्ट्रभाषा का पद प्रदान किया गया।

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