‘अपना तो मिले कोई’ : दिल से निकली और दिल को छूतीं गजलें

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देवमणि पांडेय के ताजा गजल संग्रह ‘अपना तो मिले कोई’ की गजलो से गुजरते हुए मेरी काव्य चेतना के बैक ग्राउंड में महाकवि डॉ. मुहम्मद इकबाल का यह शेर निरंतर विद्यमान रहा..

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