भरतफुर फिर झूम उठा
जो तिथि फर नहीं आता वह अतिथि कहलाता है। भरतफुर के मेहमान इस बार वाकई अतिथि हैं। कई तिथि से फहले ही आ फहुंचे हैं और अन्य कई आ रहे हैं। भारी संख्या में आ रहे हैं। फिछले एक दशक के बाद फहली बार ऐसा हुआ है।
जो तिथि फर नहीं आता वह अतिथि कहलाता है। भरतफुर के मेहमान इस बार वाकई अतिथि हैं। कई तिथि से फहले ही आ फहुंचे हैं और अन्य कई आ रहे हैं। भारी संख्या में आ रहे हैं। फिछले एक दशक के बाद फहली बार ऐसा हुआ है।