पर्यटन का बदलता स्वरूप
भारत में हमेशा से ही पर्यटन का तात्पर्य धार्मिक पर्यटन रहा है। स्वतंत्रता के पश्चात् सरकारों का सारा ध्यान मुगलों द्वारा बनवाई गई इमारतों पर रहा, जबकि हमारी सांस्कृतिक विरासत अछूत हो गई। परंतु पिछले 8 सालों में केंद्र सरकार का पूरा ध्यान इस पर है कि पूरा विश्व भारत की संस्कृति को पहचाने और उससे प्रेरणा ले।