भव्य मंदिर, भव्य भारत

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अब हमें दैवी गुणों की संपदा निर्माण करनी है। प्रत्येक हिंदू व्यक्ति और उन व्यक्तियों से मिलकर बना समाज दैवी गुणों संपन्न बनाना है। राम हमारी इसी राष्ट्रीय अस्मिता के प्रतीक हैं। भव्य मंदिर याने भव्य भारत, यह हमारी दिशा है।

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