क्या शिवराज को 2023 में भी वॉक ओवर तय..!
मध्यप्रदेश में जहाँ काँग्रेस अब भी कमजोर दिख रही है तो शिवराज सिंह चौहान को लेकर भी सुर्खियाँ कम नहीं होतीं। भाजपा संसदीय बोर्ड से बाहर होने के बावजूद उनकी शालीनता ने कहीं न कहीं राष्ट्रीय नेतृत्व को प्रभावित तो किया होगा। वहीं कहना कि मुझसे दरी बिछाने को कहा जाएगा तो बिछाउंगा। यह उनकी बुध्दिमत्ता है जो खुद को पार्टी से बड़ा कभी नहीं दिखाते। उनकी हालिया राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा से गर्मजोशी भरी मुलाकातें और अक्टूबर में पंचायती राज के नवनिर्वाचित सदस्यों के सम्मेलन में मप्र आने की हामी, मिशन 2030 का विजन तैयार कर 5 मेगा प्रोजेक्ट प्रधानमंत्री के हाथों शुरू करा 5 बड़ी जनसभाओं हेतु आमंत्रित करना शिवराज की राजनीतिक चातुर्यता के साथ बताता है कि निगाहें 2023 के विधानसभा और 2024 के आम चुनावों से बहुत आगे देख रही हैं। इससे पार्टी में उनका प्रभाव और बढ़ेगा वही प्रतिद्वन्दियों को मजबूरन ही सही मोदी जी की सभा में शिवराज के साथ रहना ही होगा। शायद यही गुर शिवराज सिंह को और मजबूत करता है।