स्वाभिमानी राजा विजय सिंह का शौर्य
राजा विजय सिंह ने विदेशी और विधर्मी अंग्रेजों के आगे सिर झुकाने की बजाय उन्हें अपनी रियासत से बाहर निकल जाने का आदेश सुना दिया। वीर सेनापति कल्याण सिंह भी राजा के दाहिने हाथ थे। 1822 ई. में सेनापति के सुझाव पर राजा विजय सिंह ने अपनी जनता को आदेश दिया कि वे अंग्रेजों को मालगुजारी न दें, ब्रिटिश राज्य के प्रतीक सभी चिन्हों को हटा दें, तहसील के खजानों को अपने कब्जे में कर लें तथा जेल से सभी बन्दियों को छुड़ा लें। जनता भी अपने राजा और सेनापति की ही तरह देशाभिमानी थी। उन्होंने इन आदेशों का पालन करते हुए अंग्रेजों की नींद हराम कर दी।