वामपंथ का अंत और सनातन संस्कृति का उभार
1925 में पूरे विश्व में वामपंथी विचारधारा का दबदबा था उसी वक्त भारत में इन वामपंथियों ने अपनी राजनीतिक पार्टी की स्थापना की थी जबकि इसी दौर में कांग्रेस की मुस्लिम तुष्टिकरण की नीति से दुखी होकर डॉक्टर बलिराम हेडगेवार जी में राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ की स्थापना की थी.....! आज 100 वर्ष पश्चात वामपंथी पूरे विश्व के साथ-साथ भारत में अपने अंत के साथ खड़ा है जबकि दूसरी और सनातन संस्कृति के संस्कार अनुरुप राष्ट्रवादी विचारधारा का लोहा पुरे विश्व में अपना सामर्थ स्थापित कर रहा है.....!