आंबेडकर के विचारों को सही मायने और संदर्भों में आत्मसात करना ज़रूरी

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भारतरत्न बाबा साहेब डॉ भीमराव आंबेडकर अपने अधिकांश समकालीन राजनीतिज्ञों की तुलना में राजनीति के खुरदुरे यथार्थ की ठोस एवं बेहतर  समझ रखते थे। नारों एवं तक़रीरों की हकीक़त वे बख़ूबी समझते थे। जाति-भेद व छुआछूत के अपमानजनक दंश को उन्होंने केवल देखा-सुना-पढ़ा ही नहीं, अपितु भोगा भी था।

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