इतिहास के पाठ्यक्रम में परिवर्तन क्यों आवश्यक
एक ओर यहूदियों पर किए गए बर्बर अत्याचार के कारण आज जर्मनी में हिटलर का कोई नामलेवा भी नहीं बचा है, पूरा यूरोप एवं अमेरिका ही यहूदियों पर अतीत में हुए अत्याचार के लिए प्रायश्चित-बोध से भरा रहता है, वहीं दूसरी ओर भारत में आज भी बड़ी संख्या में ऐसे लोग हैं, जिन्हें गोरी, गज़नी, ख़िलजी, तैमूर जैसे आतताइयों-आक्रांताओं पर गर्व है, उन्हें उनके नाम पर अपने बच्चों के नाम रखने में कोई गुरेज़ नहीं।