विचारों की श्रेष्ठता है सर्वोत्तम प्रशिक्षण

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मनः प्रसादः सौम्यत्वं मौनमात्मविनिग्रहः। भावसंश्रुद्धिरित्येतत्तपो मानसमुच्यते ।। भावार्थ : संतोष, सरलता, गम्भीरता, आत्म-संयम एवं जीवन की शुद्धि - ये मन की तपस्याएँ हैं। तात्पर्य : मन को संयमित बनाने का अर्थ है, उसे इन्द्रियतृप्ति से विलग करना | उसे इस तरह प्रशिक्षित किया जाना चाहिए जिससे वह सदैव परोपकार के…

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