साम्राज्यवादी चीनी कर्ज का मकड़जाल

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मानव सभ्यता चाहे कितना भी विकास कर लें, उसमें व्याप्त राक्षसी प्रवृतियां आज भी जस की तस है। कमजोर राष्ट्रों को पहले भी शक्तिशाली सेना और हथियारों के बल पर रौंदा गया है और अब भी ऐसा होता है। उद्देश्य वही है, केवल उसका स्वरूप बदल गया है। अब देशों…

भारत के पड़ौसी देशों को कैसे बर्बाद कर रहा है चीन

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चीन की एक विशेष आदत है, पहिले तो वह आर्थिक सहायता के नाम पर भारी भरकम राशि कर्ज के रूप में उपलब्ध कराता है और फिर उस कर्ज की किश्त समय पर अदा न किए जाने पर उस किश्त की राशि और ब्याज को अदा करने के लिए एक नया…

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