जे.एन.यू. की बौद्धिक संस्कृति

Continue Readingजे.एन.यू. की बौद्धिक संस्कृति

जब एक संवाददाता ने जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय (जेएनयू) की चार दशक की उपलब्धियों के बारे में प्रश्न पूछा, तो वहाँ के रेक्टर का प्रमुख उत्तर था कि अब तक सिविल सर्विस में इतने छात्र वहाँ से चुने गए। दूसरी कोई महत्वपूर्ण उपलब्धि वे गिना नहीं पाए जो समाचार में स्थान…

कार्ल मार्क्स- शैतान पूजा से साम्यवाद तक !

Continue Readingकार्ल मार्क्स- शैतान पूजा से साम्यवाद तक !

कार्ल मार्क्स कम्युनिस्टों की एक खास पहचान हैं। ये खुद भी अँधेरे में रहते है और अन्यों को भी अँधेरे में रखते हैं। मार्क्स के जीवन के अज्ञात कर्मों को इस लेख के माध्यम से पढ़कर सोचिये क्या कार्लमार्क्स वाकई में महान था?) " जीसस के प्रेम के जरिये हम…

कम्युनिस्टों के पितामह लेनिन का विचार कब्र में दफ़न

Continue Readingकम्युनिस्टों के पितामह लेनिन का विचार कब्र में दफ़न

आज पूरे विश्व में भगवद्गीता का प्रकाशन होता है। आज भी भारत में संत कबीर, संत रविदास, समर्थ गुरु रामदास, संत तिल्लुवल्लूवर, संत एकनाथ और संत नामदेव का नाम लिया जाता है। ये सब महात्मा झोपड़ी में रहे परंतु इनके विचार आज भी हमें प्रकाशित करते हैं। अब गरीबों की…

End of content

No more pages to load