बच्चों की भावना पर ध्यान देना जरुरी
आज के गतिमान तथा ऐहिक की गर्त में खोए हुए तांत्रिक जगत में हम बच्चों को इलेक्ट्रॉनिक चीजें, मोबाइल्स और कम्प्यूटर तुरन्त उपलब्ध करा देते हैं। लेकिन क्या उन्हीं चीजो के साथ आनेवाले अन्य संकटों को अनदेखा करने से बनेगा? फेसबुक, मोबाईल संदेशों के माध्यम से बच्चे घरेलू संस्कारों की लक्ष्मण रेषा लाधकर दूरतक पहुँच जाते हैं।