नारी एवं बाल विकास की गाथा -थर्ड कर्व
देश में स्त्रियों और बच्चों के विकास के लिए अनेक अभिमान छिड़े, अनेक कानूनों को भारतीय संविधान की छत्रछाया में अमली जामा पहनाया गया, अनगिनत योजनाएं और स्कीमें उसके विकास की कहानी को आगे बढ़ाने के लिए रची गईं लेकिन आजादी के छह दशक बाद भी स्थिति में अपेक्षानुरूप परिवर्तन नहीं आया है।