दूसरी आजादी की लड़ाई – जुलाई २०११
जीवन का आधार जल, गुरु महिमा, श्रवण कुमार अब कहां ? वर्षा ऋतु के व्यंजन, सम्पादकीय सहित राज्यों के समाचार, कहानी आदि विषय वस्तु पत्रिका को सम्पूर्ण व समृद्ध बनाती है.
जीवन का आधार जल, गुरु महिमा, श्रवण कुमार अब कहां ? वर्षा ऋतु के व्यंजन, सम्पादकीय सहित राज्यों के समाचार, कहानी आदि विषय वस्तु पत्रिका को सम्पूर्ण व समृद्ध बनाती है.
लोग कहते हैं श्वेत-श्याम चित्रों का जमाना अब लद चुका है। चारों तरफ रंगीनी ही रंगीनी है। लेकिन चित्र रंगीन होते-होते कब श्वेत-श्याम में फरिवर्तित हो जाए इसे कौन जानता है? अब दक्षिण के ही दो चैनलों को देख लीजिए। कन्निमोझी कैसे चैनल को खड़ा करने के चक्कर में खुद फंस गईं। चैनल रंगीन बना रहा, लेकिन कन्निमोझी की छवि श्वेत-श्याम हो गई।