गूढ़ार्थ के पर्यायवाची – भगवान शिवशंकर !

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सृष्टि में असीम आनंद का वातावरण हैं. वसंत की उत्फुल्लता चहुं ओर दृष्टिगोचर हो रही हैं. ऋतुओं के संधिकाल का यह महापर्व अपने पूरे यौवन पर हैं. वातावरण में बाबा भोलेनाथ के जयकारों की गूंज हैं. ‘कंकर – कंकर में शंकर’ की उक्ति पर दृढ़ श्रध्दा रखनेवाला हिन्दू समाज, उत्सव…

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