आत्मनिर्भर भारत
एक हजार वर्ष पहले, वैश्विक बाजार में, हम जिस शिखर को छू रहे थे, उसकी ओर जाने का मार्ग अब दिखने लगा है। यह ‘आत्मनिर्भर भारत अभियान’, हमारे देश का चित्र और हमारा भविष्य बदलने की ताकत रखता है।
एक हजार वर्ष पहले, वैश्विक बाजार में, हम जिस शिखर को छू रहे थे, उसकी ओर जाने का मार्ग अब दिखने लगा है। यह ‘आत्मनिर्भर भारत अभियान’, हमारे देश का चित्र और हमारा भविष्य बदलने की ताकत रखता है।
इजराइल। जीवटता, जिजीविषा और स्वाभिमान का जीवंत प्रतीक है। रेगिस्तान में खेती से लेकर तकनीकी, फौजी और भाषा के मामले में इजराइल ने जो मिसाल कायम की है उसका विश्व में दूसरा उदाहरण दुर्लभ है। दुनिया का छोटा तथा नवीन देश होने के बावजूद इजराईल ने हर क्षेत्र में एक मिसाल कायम की है। इस दुनिया में मात्र दो ही देश धर्म के नाम पर अलग हुए हैं। या यूं कहे, धर्म के नाम पर नए बने हैं। वे हैं, पाकिस्तान और इजराइल। दोनों के बीच महज कुछ ही महीनों का अंतर हैं। पाकिस्तान बना १४ अगस्त, १९४७ के दिन। और इसके ठीक नौ महीने क
वह दुनिया का सब से खूबसूरत पनाहगार था। हरीभरी वादियां, मन को तरोताजा करने वाला मस्तमौला मौसम, हिमधवल पर्वतों से आकाश को छूने वाला वह धरती का स्वर्ग था... भारत माता का वह उन्नत मस्तक था...! वह अखंड कश्मीर था...! पर १९४७ के विभाजन ने सब कुछ बदल दिया। सबकु
अपने देश के बाहर का पहला गांव देखने का सौभाग्य मुझे मिला था, आज से लगभग तीस वर्ष पूर्व। मैं जापान में ‘स्वीचिंगसिस्टम’ के प्रशिक्षण के लिए गया था। कुछ महीने जापान में रहने का अवसर मिला था। मेरा अधिकतम समय बीता था, टोकियो में। लेकिन लगभग दो स
2014 के लोकसभा चुनावों को लेकर देश के राजनीतिक परिस्थिति का जब हम आंकलन करते हैं,तब देश के बीच का हिस्सा महत्वपूर्ण बनकर सामने आता है. विशेषकर जब हम ‘मोदी लहर’ की बात करते हैं, तब तो इस हिस्से का आंकलन और भी महत्वपूर्ण हो जाता हैं।
सन 1863 के प्रारम्भ में, 14 जनवरी को स्वामी विवेकानंद का जन्म हुआ। उस समय देश की परिस्थिति कैसी थी? 1857 की क्रान्ति की ज्वालाएं बुझ रही थीं। यह युद्ध छापामार शैली में लगभग 1859 तक चला।