नियमन के दायरे में होना चाहिए मोबाइल टैरिफ

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प्रमुख टेलीकॉम कंपनियां अपना मजबूत कार्टेल बनाकर उपभोक्ताओं को तिल-तिल करके मार रहीं हैं क्योंकि कोरोना के बाद वैसे भी देश में आम आदमी मंहगाई की मार से त्रस्त है, ऐसे समय में टैरिफ में बढ़ोतरी को वापस लिया जाना चाहिए। कुल मिलाकर मोबाइल टैरिफ सरकारी नियमन के दायरे में होना चाहिए अन्यथा ये टेलीकॉम कंपनियां कभी भी मनमानी कर सकतीं हैं जो आम आदमी के जेब पर भारी पड़ेगी।

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