जैसी दृष्टि होगी, वैसी सृष्टि होगी
एक बार राजा भोज की सभा में एक व्यापारी ने प्रवेश किया. राजा भोज की दृष्टि उस पर पड़ी तो उसे देखते ही अचानक उनके मन में विचार आया कि कुछ ऐसा किया जाए ताकि इस व्यापारी की सारी संपत्ति छीनकर राजकोष में जमा कर दी जाए. व्यापारी जब तक…